सेल्फी
चढ़ा है बुखार आज सबको सेल्फी का ,
बना दिया है जिसने सबको केयरफ्री सा।
जो लोग रहते थे अपने कामों में मगशूल ,
आज वो बिजी है ऑन फोटोशूट।
चला है सीजन पोस्ट और लाइक का ,
एवेरिटाइम ऑन फेसबुक और हाईक का।
इस एक सेल्फी के लिए लोग न जाने कितने पैंतरे आजमाते है ,
कभी दिखाते स्टंट डैम पर तो कभी पानी में ही गिर जाते है।
न जाने मिलती है क्या ख़ुशी इन्हें अपने ही चेहरे को देखकर ,
एक ही दिन में न जाने कितने फोटो खींच कर।
सभी ने इस सेल्फी के लिए स्वयं को है बदला ,
नहीं जानते ये की सेल्फी ने बना दिया है कितना अबला ।
कई मौत भी इस सेल्फी की ही देंन है ,
फिर भी इसके लिए लोग लगते नहीं देर है।
मोबाइल तो थी एक वरदान साइंस की ,
पर इसने की है अपमान साइंस की।
न जाने लोग कब स्वयं को इससे बचाएंगे ,
खोई हुई आईने की कीमत वापस उसे दिलाएंगे।
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