आज पैसे का बोलबाला है ,
इसका खेल निराला है।
इसको पाने के चक्कर में लोग करते अपना मुँह काला है ,
कोई ग़रीब तो कोई धन वाला है।
आज पैसे का बोलबाला है ,
इसका खेल निराला है।
इसे किसी को बचाना तो किसी को उड़ाना है ,
लोग खोजते है रास्ते जहाँ से धन आना है।
जहाँ मिले धन वहाँ खींचे चले जाना है ,
पैसे के लालच में कितना भी गिर जाना है।
आज पैसे का बोलबाला है ,
इसका खेल निराला है।
पैसा सुख तो खरीद सकता है ,
पर ख़ुशी खरीद नहीं सकता है।
जनता को खुश रखने वाले क्या नेता आज मिल सकता है,
क्योंकि हो पैसा तो जनता क्या खुदको भी भूल सकता है।
आज पैसे का बोलबाला है ,
इसका खेल निराला है।
आज पैसा अमीरों के पास ही आना है ,
गरीबों को तो बस संतोष से ही काम चलाना है।
ये सच हैं कि पैसे ने ही हमको संभाला है ,
और इसके बिना जीवन जीना किसको आना है।
आज पैसे का बोलबाला है ,
इसका खेल निराला है।
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